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बिहार सरकार का बड़ा ऐलान,रासन कार्डधारकों को मुफ्त मिलेगा मई महीने का रासन।

बिहार सरकार का बड़ा ऐलान,रासन कार्डधारकों को मुफ्त मिलेगा मई महीने का रासन।

 पीसी के दौरान ये एलान किया गया कि राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को मई महीने में राशन की प्राप्ति के लिए किसी राशि का भुगतान नहीं करना होगा. उक्त राशि का वहन राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा. इसके अतिरिक्त जिलाधिकारियों को सामुदायिक किचन स्थापित करने का निर्देश दिया गया है.


पटना: बिहार में कल से 15 मई तक लॉकडाउन लगा दिया गया है. इस दौरान जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं पर प्रतिबंध रहेगा. ऐसे में ये सवाल उठ रहा था कि रोजाना कमाने-खाने वाले कैसे दिन गुजारेंगे? उनका पेट कैसे भरेगा? इन सभी सवालों पर विराम लगाते हुए सरकार ने मई में मुफ्त राशन देने का एलान किया है.

राज्य भर के राशन कार्डधारियों को मई का राशन मुफ्त में मिलेगा. राशन का पूरा खर्च बिहार सरकार उठाएगी.


पीसी के दौरान किया एलान


बता दें कि सीएम नीतीश की ओर से लॉकडाउन का एलान किए जाने के बाद बिहार सरकार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक एसके सिंघल, अपर मुख्य सचिव गृह और प्रधान सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत ने संयुक्त पीसी की. पीसी के दौरान उन्होंने लॉकडाउन के संबंध में लिए गए निर्णय पर विस्तृत जानकारी दी.


पीसी के दौरान ये एलान किया गया कि राज्य के सभी राशन कार्ड धारकों को मई महीने में राशन की प्राप्ति के लिए किसी राशि का भुगतान नहीं करना होगा. उक्त राशि का वहन राज्य सरकार की ओर से किया जाएगा. इसके अतिरिक्त जिलाधिकारियों को ये निर्देश दिया गया कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जिलान्तर्गत चिन्हित स्थानों पर सामुदायिक किचन स्थापित करेंगे. रोजगार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के अन्तर्गत और शहरी क्षेत्रों में शहरी रोजगार योजना के अन्तर्गत किये जाने वाले कार्य अनुमान्य होंगे.


कोर्ट ने बिहार सरकार को लगाई फटकार


बता दें कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव के बीच नीतीश सरकार ने बिहार में कल से 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का एलान कर दिया है. हाईकोर्ट की फटकार के बाद सीएम नीतीश ने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के साथ की गई बैठक में ये फैसला लिया है. हालांकि, इस फैसले के बावजूद पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई.


कोर्ट ने राज्य सरकार के कोरोना से निपटने में असफल होने पर गहरी नाराजगी जताई. कोर्ट ने कहा कि बार-बार कोर्ट के आदेश के बाद स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है. कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इस स्थिति में राज्य की स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप दी जानी चाहिए.