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बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर नीतीश सरकार का फैसला, 3 मेडिकल कॉलेजों में IAS अफसरों की नियुक्ति

 


बिहार सरकार ने पटना के तीन मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को प्रतिनियुक्त किया है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। फिलहाल एक सप्ताह के लिए इनकी प्रतिनियुक्ति की गई है। 

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंगलवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव राजीव रौशन को पटना चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल (पीएमसीएच), समाज कल्याण विभाग के निदेशक राज कुमार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पटना और उद्योग विभाग के निदेशक तकनीकी पंकज दीक्षित को नालंदा चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल (एनएमसीएच) में प्रतिनियुक्त कया गया है। ये अपने वर्तमान दायित्वों का भी निर्वहन करेंगे। पिछले वर्ष जब कोरोना का संक्रमण बढ़ा तब भी राज्य सरकार ने प्रदेश के बड़े अस्पतालों में आईएएस अफसरों को प्रतिनियुक्त किया था।

कोरोना को ले सरकार पूरी तरह सतर्क व सचेतः मंगल पांडेय
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा है कोरोना के दूसरे लहर के मद्देनजर आम जनों के जान माल की सुरक्षा के प्रति विभाग पूरी तरह सचेत और सतर्क है।  अस्पतालों में कोरोना बेड की संख्या में वृद्धि और टेस्टिंग व ट्रीटमेंट सुविधा को बेहतर करने का निदेश दिया गया है। मंगल पांडेय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना को हराना राज्य सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसको देखते हुए सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में अधिक से अधिक संख्या में कोरोना संक्रमण की जांच करने का निर्णय लिया गया है। पीएमसीएच परिसर में टेस्टिंग लेबोरेटरी की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण हेतु आवश्यक मशीनों की खरीद के लिए डेढ़ करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। पीएमसीएच में कोरोना मरीजों को चिकित्सीय सुविधा प्रदान करने हेतु विभिन्न प्रकार की दवाईयों व अन्य आवश्यक सामग्री पर यह राशि व्यय की जाएगी। पीएमसीएच में सुविधाएं बढ़ने से कोरोना पीड़ित मरीजों को जरूर राहत मिलेगी।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह राशि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत योजना एवं विकास विभाग के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के संधारित कोरोना उन्मूलन कोष से उपलब्ध कराई जा रही है। अनुमंडल अस्पतालों में कोरोना मरीजों की बेहतर व्यवस्था का निदेश दिया गया है जो डेडीकेटेड हेल्थ सेंटर के रूप में काम करेगा। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि कोरोना संक्रमित की जांच रोजाना एक लाख के करीब हो। इसमें आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या अधिक से अधिक हो।

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